इस पोस्ट में हमने बल आघूर्ण किसे कहते हैं साथ ही बल युग्म एंव जड़त्व आघूर्ण के बारे में भी बताया गया है.
बल आघूर्ण किसे कहते हैं
बल आघूर्ण : वह बल, जो किसी पिण्ड में घूर्णन उत्पन्न करता है, बल आघूर्ण कहलाता है। बल आघूर्ण जिस बिन्दु पर कार्य करता है, उसे पिण्ड का अक्ष (Axis) कहा जाता है तथा पिण्ड इसी अक्ष पर घूर्णन करता है।
बल आघूर्ण को टाऊ (τ) से प्रदर्शित किया जाता है। बल आघूर्ण (τ) पिण्ड पर लगाए गए बल के परिमाण (F) तथा घूर्णन अक्ष से बल की क्रिया रेखा की लम्बवत दूरी (I) के गुणनफल के बराबर होता है- बल आघूर्ण का मात्रक न्यूटन- -मीटर है। बल आघूर्ण का सूत्र, ( τ = F × I ) होता है.
पिण्ड के अक्ष से अधिक दूरी पर बल लगाने से यह अधिक प्रभावी होता है। उदाहरण– पेंचकस (Screw Driver) के द्वारा पेंच घुमाना, दरवाजे के हत्थे कब्जे से दूर लगाना, गन्ना पेरने की मशीन में बैलों को केन्द्र से दूर बाँधकर घुमाना।
बल युग्म किसे कहते हैं
बल युग्म : जब किसी पिण्ड पर विपरीत दिशाओं में दो बराबर तथा समानांतर बल इस प्रकार कार्य करते हैं कि, उनकी क्रिया रेखायें भिन्न हों तो उन बलों को बल युग्म कहा जाता है। बल युग्म का परिणामी बल शून्य होता है। इसका S। मात्रक न्यूटन-मीटर होता है।
जड़त्व आघूर्ण किसे कहते हैं
जड़त्व आघूर्ण : जड़त्व आघूर्ण वह भौतिक राशि है, जो किसी अक्ष के चारों ओर किसी पिण्ड की घूर्णन गति में परिवर्तन का विरोध करती है। जड़त्व आघूर्ण पिण्ड के आकार, उसके द्रव्यमान तथा घूर्णन अक्ष की दूरी पर निर्भर करता है।
किसी स्थिर अक्ष के परितः घूर्णनशील पिण्ड (कणों का निकाय) का जड़त्व आघूर्ण (I) उस पिण्ड (अर्थात सभी कणों) के कुल द्रव्यमान तथा उसकी अक्ष से दूरी के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है-
जड़त्व आघूर्ण
I = Σ mr2