तापमान तथा अन्य घटकों के आधार पर वायुमंडल को विभिन्न पांच स्तरों में बाँटा गया है. जो निम्न हैं- क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बहिर्मडल. आज हम इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे.
क्षोभमंडल (Troposphere)
यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है जिसकी औसत ऊँचाई 13 किमी. है और जो ध्रुवों पर 8 किमी. तथा संवहनीय धाराओं के कारण विषुवत् रेखा पर 18 किमी. है।
प्रति 165 मीटर ऊँचाई के साथ यहाँ तापमान 1°C घटता जाता है, जिसे ‘सामान्य ताप ह्रास दर’ कहते हैं। समस्त मौसमी घटनाएँ इसी मंडल में होने के कारण यह मंडल वायु यातायात के लिये उपयुक्त नहीं माना जाता है।
वायुमंडल के 75% तत्त्वों तथा वायुमंडल का सर्वाधिक सघन संस्तर इसी मंडल में है। क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा जो क्षोभ सीमा कहलाती है पर विषुवत् रेखा पर तापमान –80°C होता है, तथा ध्रुवों पर -45°C होता है।
समतापमंडल (Stratosphere)
यह क्षोभ सीमा द्वारा क्षोभमंडल से अलग होता है। यह 50 किमी. ऊँचाई तक विस्तृत है। समतापमंडल में ओजोन गैस के कारण ऊँचाई के साथ तापमान में वृद्धि होती है। समतापमंडल में पाई जाने वाली ओजोन (O) परत सूर्य से आने वाले विकिरणों की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। पराबैंगनी किरणों का सीधा संपर्क त्वचा कैंसर तथा आँखों की क्षति का कारण बनता है।
यह मंडल मौसमी घटनाओं व बादलों से मुक्त होने के कारण वायु यातायात के लिये आदर्श माना जाता है। इसकी ऊपरी सीमा को समताप सीमा (Stratopause) कहते हैं।
मध्यमंडल (Mesosphere)
इसका विस्तार समतापमंडल के ठीक ऊपर 80 किमी. की ऊँचाई तक है। यहाँ ऊँचाई के साथ तापमान में कमी आती है, जो 80 किमी. की ऊँचाई पर घटकर -100°C हो जाता है। इसकी ऊपरी सीमा को मध्य सीमा कहते हैं। वायुमंडल में प्रविष्ठ उल्का पिंड इसी मंडल में जल कर नष्ट हो जाते हैं।
आयनमंडल (lonosphere)
यह तापमंडल (Thermosphere) का ही एक भाग है।
इसका विस्तार 80 किमी. से 400 किमी. के बीच पाया जाता है।
इसमें विद्युत आवेशित कण पाए जाते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं।
पृथ्वी से भेजी गई रेडियो तरंगें इस संस्तर से वापस लौट आती हैं जिससे पृथ्वी पर रेडियो एवं टेलीविज़न का प्रसारण सुगम होता है।
यहाँ ऊँचाई के साथ तापमान में वृद्धि दर्ज की जाती है।
यहाँ ध्रुवीय प्रकाश (Aurora) की उपस्थिति होती है। जो उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश (Aurora Borealis) एवं दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश (Aurora Australis) के रूप में होती है.
बहिर्मडल (Exosphere) )
यह सामान्यत: 400 किमी. की ऊँचाई के बाद वायुमंडल की सबसे ऊपरी एवं अत्यंत विरल स्तर है।
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