संतुलन क्या है, संतुलन के प्रकार (Types of equilibrium)

संतुलन क्या है

विरामा अवस्था की वह स्थिति जब दो या अधिक परस्पर विरोधी वस्तुओं या बलों के होने पर भी उसके प्रभाव में स्थिरता (संतुलन) की अवस्था उत्पन्न होती है इसे ही संतुलन कहते हैं।

संतुलन के प्रकार (Types of equilibrium)

संतुलन तीन प्रकार का होता है 

  1. स्थायी संतुलन (Stable Equilibrium)
  2. अस्थायी संतुलन (Unstable Equilibrium)
  3. उदासीन संतुलन (Neutral Equilibrium)

स्थायी संतुलन किसे कहते हैं ?

यदि किसी वस्तु की स्थिति में बल लगाने से थोड़ा परिवर्तन हो जाए, परंतु बल को हटाते ही वस्तु अपनी पूर्व स्थिति में वापस आ जाए तो इसे ‘स्थायी संतुलन‘ कहते है।

स्थायी संतुलन के लिए आवश्यक शर्त 

  • वस्तु का गुरुत्व केंद्र जितना संभव हो सके, नीचे हो।
  • गुरुत्व केंद्र से जाने वाली उर्ध्वाधर रेखा वस्तु के आधार से गुजरनी चाहिये।

अस्थायी संतुलन किसे कहते हैं ?

यदि किसी वस्तु की स्थिति में बल के द्वारा परिवर्तन कर दिया जाए परंतु बल को हटाते ही वस्तु अपनी पूर्वावस्था में न आ पाए तो इसे ‘अस्थायी संतुलन‘ कहते हैं।

उदासीन संतुलन किसे कहते हैं ?

यदि वस्तु को संतुलन की स्थिति से थोड़ा सा विस्थापित करके छोड़ने पर वस्तु अपनी नई स्थिति में भी संतुलित हो जाती है तो इसे ‘उदासीन संतुलन‘ कहते हैं।

दैनिक जीवन में संतुलन के उदाहरण

  • प्रसिद्ध पीसा की मीनार का झुके होने के बावजूद न गिरने का कारण यही है कि इसके गुरुत्व केंद्र से जाने वाली रेखा इसके आधार से होकर गुजरती है।
  • बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में आधार को विस्तृत और अपेक्षाकृत भारी बनाया जाता है, जिससे कि इमारत का गुरुत्व केंद्र आधार के निकट रहे। यह इमारत को स्थायित्व प्रदान करता है।
  • मोटर-गाड़ियों के निर्माण के दौरान यह कोशिश की जाती है कि मोटर-गाड़ियों के गुरुत्व केंद्र आधार के मध्य में और जितना संभव हो सके, नीचे रहे।

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