परमाणु क्या है
प्राचीन काल में द्रव्य की रचना के सम्बन्ध में दार्शनिकों का मत था कि प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना है। परन्तु इसकी पुष्टि
के लिए उनके पास कोई प्रायोगिक प्रमाण न था। सन् 1803 में डाल्टन ने परमाणु सिद्धान्त (atomic theory) का प्रतिपादन किया। इस सिद्धान्त के अनुसार,
प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों का बना है जिन्हें ‘परमाणु‘ (atom) कहते हैं. डाल्टन के मतानुसार, परमाणु का किसी भी भौतिक अथवा रासायनिक विधि से विभाजन नहीं किया जा सकता था।
परमाणु की संरचना
Atomic structure in hindi : सन् 1897 में सर जे० जे० टॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की तथा लगभग उसी समय बेकुरेल ने रेडियो-ऐक्टिवता की खोज की। तब प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध हुआ कि प्रत्येक तत्त्व के परमाणु में ऋण-आवेशित कण (इलेक्ट्रॉन) होते हैं। परन्तु चूँकि परमाणु उदासीन होता है, अत: उसमें समान मात्रा में धन-आवेश भी कहीं होना चाहिए।
इसके अतिरिक्त चूँकि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान परमाणु के द्रव्यमान की तुलना में अत्यन्त अल्प होता है, अत: परमाणु का द्रव्यमान उसमें उपस्थित धन-आवेश में ही निहित होना चाहिए।
आकार का अनुमान अनेक विधियों से किया जा सकता है तथा यह 10-10 मीटर ** की कोटि का है। परमाणु के भीतर इलेक्ट्रॉन, धन-आवेश तथा द्रव्यमान के वितरण के सम्बन्ध में उस समय कोई ज्ञान नहीं था।