आक्सीकरण अपचयन और रेडॉक्स अभिक्रिया क्या होती है

आज हम जानेंगे की आक्सीकरण अपचयन और रेडॉक्स अभिक्रिया क्या होती है और इनको उदहारण के साथ समझने का प्रयास करेंगे.

 आक्सीकरण अपचयन और रेडोक्स अभिक्रिया

ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्या होती है

पदार्थों (परमाणुओं, आयनों या अणुओं) द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन त्याग करने का प्रक्रम ऑक्सीकरण
(oxidation) कहलाता है.

उदहारण,

Zn(s)→ Zn2+ + 2e     (ऑक्सीकरण)

अपचयन अभिक्रिया क्या होती है

पदार्थों द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने का प्रक्रम अपचयन (reduction) कहलाता है।

उदहारण,
Cu2+ + 2e→ Cu(s)     (अपचयन)

रेडॉक्स अभिक्रिया

रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों का स्थानान्तरण होता है
ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाएँ या रेडॉक्स अभिक्रियाएँ (redox reactions) कहलाती हैं।

ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया में ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों प्रक्रम एक साथ होते हैं। केवल
ऑक्सीकरण या केवल अपचयन का अकेला प्रक्रम नहीं होता है।

रेडॉक्स अभिक्रिया में जो पदार्थ इलेक्ट्रॉन देता है उसे अपचायक (reducing agent or reductant) कहते
हैं तथा जो पदार्थ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है उसे ऑक्सीकारक या उपचायक (oxidising agent or oxidant)
कहते हैं। रेडॉक्स अभिक्रिया में ऑक्सीकारक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अपचयित (reduce) हो जाता है तथा
अपचायक इलेक्ट्रॉन त्याग करके ऑक्सीकृत (oxidise) हो जाता है।

रेडॉक्स अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉनों का स्थानान्तरण होने के कारण सक्रिय तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या में
परिवर्तन होता है। अभिक्रिया में जिस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है उसके तत्व की ऑक्सीकरण संख्या बढ़
जाती है तथा जिस पदार्थ का अपचयन होता है उसके तत्व की ऑक्सीकरण संख्या घट जाती है।

ऑक्सीकरण संख्या घटने का क्रम  ←                                                                                                                                                               -3,-2,-1, 0, +1, +2, +3

ऑक्सीकरण संख्या बढ़ने का क्रम

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