प्रकाशवैद्युत उत्सर्जन के नियम | Laws of Photoelectric Emission in hindi

प्रकाशवैद्युत उत्सर्जन के नियम

लेनार्ड (Lenard) तथा मिलिकन (Millikan) ने प्रकाशवैद्युत उत्सर्जन पर किये गये प्रयोगों के आधार पर निम्नलिखित नियम दिए :

  • किसी धातु के से प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन की दर, धातु के पृष्ठ पर आपतित प्रकाश की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है।
  • उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती।
  • प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की आवृत्ति के बढ़ने पर बढ़ती है।
  • यदि आपतित प्रकाश की आवृत्ति एक न्यूनतम मान से कम है, तो धातु से कोई भी प्रकाश-इलेक्ट्रॉन नहीं निकलता। यह न्यूनतम आवृत्ति (देहली आवृत्ति) भिन्न-भिन्न धातुओं के लिए भिन्न-भिन्न होती है।
  • प्रकाश के धातु के पृष्ठ पर गिरते ही इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने लगते हैं अर्थात् प्रकाश के पृष्ठ पर गिरने तथा इलेक्ट्रॉन के पृष्ठ से बाहर निकलने के बीच कोई समय-पश्चता (time-lag) नहीं होती, चाहे प्रकाश की तीव्रता कितनी भी क्यों न हो।

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