Doha In Hindi | दोहा के प्रकार | दोहा के उदाहरण | दोहा में मात्रा कैसे गिनते हैं

Doha In Hindi. दोहे छंद के लिए किस कवि को जाना जाता है. दोहा छंद काव्य है. दोहा के प्रकार, दोहा के उदाहरण, दोहा में मात्राएं कैसे गिनते हैं. हिंदी व्यंजन वर्णों में लगने वाली मात्रा, मात्रा गिनने के नियम. यहाँ जाने सब कुछ 

दोहा किसे कहते हैं ( doha in hindi )

Doha In Hindi दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके पहले और तीसरे (विषम) चरणों में 13-13 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे (सम) चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं। अन्त में गुरु और लघु वर्ण होते हैं। तुक प्राय: दूसरे और चौथे चरण में ही होता है। दोहा अर्द्ध सम मात्रिक छन्द का उदाहरण है।

यहाँ क्लिक करे

दोहा के प्रकार

दोहे के मुख्य 23 प्रकार हैं –

  1.  भ्रमर
  2.  सुभ्रमर
  3.  शरभ
  4.  श्येन
  5.  मण्डूक
  6.  मर्कट
  7.  करभ
  8.  नर
  9.  हंस
  10.  गयंद
  11.  पयोधर
  12.  बल
  13.  पान
  14.  त्रिकल
  15.  कच्छप
  16.  मच्छ
  17.  शार्दूल
  18.  अहिवर
  19.  व्याल
  20.  विडाल
  21.  उदर
  22.  श्वान
  23.  सर्प

दोहा के उदाहरण

वैसे तो दोहे के कई उदाहरण हैं जिनमे से कुछ निम्न है.

“रहिमन पानी राखिए,
बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे,
मोती मानुष चून।।

दोहा के अन्य उदाहरण

पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरती रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहिं सुर भूप।।

मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परै, स्याम हरित दुति होय।।

कागा काको धन हरै, कोयल काको देय।
मीठे बचन सुनाय कर जग अपनो कर लेय।।

बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौंहे करैं भौंहनि हँसै, दैन कहै नटि जाय।।

वीर रस की परिभाषा, उदाहरण

दोहा में मात्रा कैसे गिनते हैं

हिन्दी भाषा के वर्णों को 12 स्वरों और 36 व्यंजनों में बाँटा गया है। सभी व्यंजनों की एक मात्रा (।) मानी जाती है। लघु स्वर अ, इ, उ, ऋ की भी (।) मात्रा ही मानी जाती हैं। जबकी दीर्घ स्वर आ, ई, ऊ, ए, ऐ ओ और औ की मात्राएँ दीर्घ (ऽ) मानी जाती हैं। व्यंजनों पर लघु स्वर अ, इ, उ, ऋ आ रहे हों तो भी मात्रा लघु (।) ही रहेगी। किंतु यदि दीर्घ स्वर आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ की मात्राएँ आ रही हों तो मात्रा दीर्घ (ऽ) हो जाती है।उदाहरण के तौर पर निचे आप देख सकते हैं की दोहा में मात्रा कैसे गिनते हैं.

“रहिमन      पानी      राखिए,
। । ।।        ऽ ऽ       ऽ । ऽ   = 13 मात्राएँ
बिन   पानी   सब   सून।
।।     ऽ ऽ     ।।    ऽ ।    = 11 मात्राएँ
पानी    गए    न    ऊबरे,
ऽ ऽ      । ऽ    ।     ऽ। ऽ   = 13 मात्राएँ
मोती    मानुष    चून।।
ऽ  ऽ      ऽ।।      ऽ।    = 11 मात्राएँ

आपने देखा की दोहे के पहले और तीसरे चरण में 13-13 मात्राएँ तथा दुसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ हैं. हम दोहे का वाचन करते समय इसी हिसाब से ठहराव देते हैं. पहले 13 फिर 11, फिर 13 और फिर 11 मात्राएँ . यही दोहे को पढ़े जाने का तरीका है.

श्रृंगार रस की परिभाषा उदाहरण सहित

Leave a Comment