मोनेरा जगत क्या है, लक्षण, उदाहरण, विशेषताएं | Monera jagat in hindi

मोनेरा जगत क्या है

( Monera jagat in hindi ) मोनेरा जगत के अन्तर्गत एक-कोशिकीय – प्रोकैरियॉटिक जीव (Unicellular Prokaryotic) शामिल किए जाते हैं, जिनकी कोशिकाओं में केन्द्रक नहीं पाया जाता है। अर्थात् इनमें डी.एन.ए. (आनुवंशिक पदार्थ) कोशिका द्रव्य से केन्द्रक कला (Nucleus Membrane ) द्वारा पृथक न होकर एक अनिश्चित आकार के केन्द्रकाभ (Nucleoid) के रूप में पाया जाता है। इसके विपरीत अन्य जगत के जीवों में डी.एन.ए केन्द्रक के भीतर पाया जाता है।

मोनेरा जगत का वर्गीकरण

मोनेरा जगत को दो वर्गों में विभाजित किया गया है-

  1. आर्कीबैक्टीरिया अथवा आर्किया
  2. यूबैक्टीरिया अथवा बैक्टीरिया।

यूबैक्टीरिया को वास्तविक जीवाणु (True Bacteria) कहा जाता है। अधिकतर जीवाणु मोनेरा जगत के अंतर्गत वर्गीकृत किए गए हैं जबकि सायनोबैक्टीरिया (नील-हरित शैवाल) को पादप जगत के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है, क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण करते हैं।

मोनेरा जगत के लक्षण

  • ये जीव विभाजन अथवा विखण्डन तथा बीजाणु द्वारा जनन करते हैं।
  • इसके अन्तर्गत स्वपोषी (Autotrophs) तथा परपोषी (Heterotrophs) दोनों प्रकार के जीव पाए जाते हैं।
  • नील-हरित शैवाल स्वपोषी हैं जबकि अधिकांश जीवाणु परपोषी जीव हैं।

मोनेरा जगत के उदाहरण

मोनेरा जगत के उदाहरण निम्न है जैसे – जीवाणु , नीली-हरी शैवाल , माइकोप्लाज़्मा आदि ।

मानव शरीर में ग्रंथि क्या है ! ग्रंथियों के प्रकार ?

लैंगिक जनन क्या होता है

माइकोप्लाजमा (Mycoplasma) क्या होते हैं, माइकोप्लाजमा के लक्षण 

Leave a Comment