पद बंध किसे कहते हैं, पद बंध के प्रकार | Padbandh class 10

पद बंध किसे कहते हैं

परिभाषा – वाक्य में प्रयोग किए जाने पर शब्द ‘पद‘ कहलाते हैं। जब एक से अधिक पद मिलकर व्याकरण पर आधारित इकाई का निर्माण करते हैं तब उस बँधी हुई इकाई को पद बंध कहते हैं। जैसे- देवकी नन्दन कृष्ण ने गोपियों का मन मोह लिया।

यहाँ देवकी नन्दन कृष्ण कर्ता कारक का कार्य कर रहा है। अतः यह एक पद बंध है।

शीर्ष और आश्रित पद

पद बंध में भी एक पद शीर्ष पद होता है। वह अन्य पदों का केन्द्र होता है। शेष पद उस पर आश्रित होते हैं। जैसे- देवकी नन्दन कृष्ण में कृष्ण शीर्ष पर है। ‘देवकी नंदन’ कृष्ण पर आश्रित है।

अन्य उदाहरण – सामने एक बहुत सुन्दर बच्चा खेल रहा है। यहाँ ‘बच्चा‘ शीर्ष पद पर है तथा शेष पद उस पर आश्रित है। इसी प्रकार एक बहुत सुन्दर’ में भी सुन्दर‘ शीर्ष पर है। एक बहुत उस पर आश्रित है।

शीर्ष की पहचान

शीर्ष पद की भूमिका को पहचानने के लिए पदबंध की भूमिका को पहचानना आवश्यक है। यहाँ यह देखना आवश्यक है कि वह संज्ञा का कार्य कर रहा है, या विशेषण, सर्वनाम, क्रिया अथवा क्रिया-विशेषण का कार्य कर रहा है। अब उस पद-बंध के स्थान पर न्यूनतम एक पद को रखकर देखें। कौन-सा पद वाक्य के अर्थ की संगति बनाए हुए है। यही उसका शीर्ष पद है।

हाँ ‘दशरथ नन्दन राम वन को गया।’ यहाँ राम वन को गया’ भी संगत है। अतः ‘राम’ ही इसका शीर्ष पद है। पूरा वाक्य ‘राम’ पर ही आधारित है। इसके अतिरिक्त अन्य वाक्य तर्क-संगत नहीं हैं।

पद बंध के भेद

पद बंध 5 प्रकार के होते हैं-

  1. संज्ञा पद बंध
  2. सर्वनाम पद बंध
  3. विशेषण पद बंध
  4. क्रिया पद बंध
  5. क्रिया विशेषण पद बंध

संज्ञा पद बंध

वाक्य में संज्ञा-पदों की जगह प्रयुक्त होने वाला पद-बंध संज्ञा पद बंध कहलाता है। स्वाभाविक रूप से संज्ञा-पद बंध के साथ भी संज्ञा-पद बंध की तरह कारक-चिह्नों का प्रयोग होता है। उदाहरणार्थ- (i) सामने के मकान में रहने वाला लड़का आज चला गया।
(ii) स्वागतार्थ आए हुए लोगों से घिरे हुए श्रीकृष्ण ने नगर में प्रवेश किया।
(iii) पास के घर में रहने वाला व्यक्ति मेरा परिचित है।
(iv) देश के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति देशभक्त होता है।
(v) दशरथ पुत्र राम ने रावण को मार डाला।
(vi) वह बूढ़ा आदमी शीला का पति है।

सर्वनाम पद बंध किसे कहते हैं

वाक्य में सर्वनाम पद का कार्य करने वाले पद-बंध ‘सर्वनाम’ पद बंध कहलाते हैं। (i) शेर की तरह दहाड़ने वाले तुम काँप क्यों रहे हो ?
(ii) बड़ी शेखियाँ बघारने वाला वह आज मुँह की खाए बैठा है।
(iii) है यहाँ ऐसा कोई ! जो इस शेर को पकड़ ले।
(iv) तकदीर का मारा.मैं कहाँ आ पहुँचा ?
(v) चोट खाए हुए भला तुम क्या खेलोगे ?

विशेषण पद बंध

जो पदबंध संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं उन्हें विशेषण पद बंध कहा जाता है। विशेषण पद बंध में एक पदबंध शीर्ष पद पर स्थित होता है तथा शेष पद प्रविशेषण बनकर प्रयुक्त होते हैं। जैसे- कपिल बहुत अच्छा खिलाड़ी है। यहाँ ‘बहुत अच्छा’ विशेषण पद बंध है क्योंकि यह खिलाड़ी की विशेषता प्रकट करता है। ‘

अच्छा’ शीर्ष पद पर है तथा ‘बहुत’ प्रविशेषण ‘अच्छा’ की विशेषता प्रकट कर रहा है। उदाहरण (i) तुम उसे किताबों का कीड़ा कहते हो।
(ii) जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम अब चुप क्यों हो ?
(iii) मीठे-मीठे सपने देखने वाले लोग अकर्मण्य होते हैं।
(iv) तुम उसे काम चोर कहते हो।
(v) सस्ता खरीदा हुआ कपड़ा नहीं चलता।

विशेषउद्देश्य विशेषण संज्ञा पद बंध या सर्वनाम पद बंध के ही अंग होते हैं। जैसे-
मोहन का भाई सोहन (संज्ञा पद बंध)।
मोहन का भाई (विशेषण पद बंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम (सर्वनाम पद बंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले (विशेषण पद बंध)

विधेय विशेषण पद बंध अवश्य ही स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त होते हैं। जैसे-(i) मोहन सबसे अधिक परिश्रमी छात्र है।
(ii) यहाँ के अध्यापक परिश्रमी, प्रतिभावान तथा गुणवान हैं।

क्रिया पद बंध किसे कहते हैं

एक से अधिक क्रिया-पद मिलकर जहाँ क्रिया का कार्य सम्पन्न करते हैं, वहाँ क्रिया पद-बंध होता है। जैसे- ‘मुझे सुनाई पड़ रहा है।

यहाँ सुनाई पड़ रहा है’ पदबंध ‘क्रिया पद बंध’ का कार्य कर रहा है। अतः क्रिया पद बंध है। उदाहरण- (i) मैं लिख सकता हूँ।
(ii) विद्यार्थी पढ़कर सो गए हैं।
(iii) अब तो हम से चला भी नहीं जा रहा है।
(iv) नाव पानी में डूबती चली गई।
(v) हरि को घर सो जाना चाहिये था।
(vi) श्याम खाना पका सकता है।

क्रिया पद बंध में मुख्य क्रिया शीर्ष पद पर होती है। शेष पद जैसे- रंजक क्रिया, समापिका क्रिया तथा संयोजी क्रिया उस पर आश्रित होते हैं। क्रिया विशेषण भी मुख्य क्रिया का आश्रित बनकर प्रयोग होता है।

अत: क्रिया पद बंध के दो भेद होते हैं-
(क) क्रिया विशेषणात्मक पद बंध– इसमें क्रिया विशेषणात्मक पद पर या पद बंध क्रिया पर आधारित होता है।

उदाहरण

(i) मोहिनी धीरे-धीरे गा रही है।
(ii) वह तेजी से पढ़ रहा है।
(iii) रमेश सुबह-सुबह व्यायाम करता है।
(iv) बच्चे पढ़ते-पढ़ते सो जाते हैं।
(v) वह तेज चल रहा था।
(vi) वह हल्के-हल्के बोल रहा था।

(ख) अतः केन्द्रित क्रिया पद बंध– इनमें शीर्ष क्रिया पर सहायक, संयोजी और रंजक क्रियाएँ आश्रित होती हैं। जैसे- (i) बालिका नाचती है (क्रिया तथा समापिका क्रिया)
(ii) मैं चल सकता हूँ (क्रिया तथा संयोजी क्रिया)
(iii) छात्र थककर चूर हो गया।
(iv) यहाँ तो लिखा ही नहीं जाता।
(v) देखो, कहीं खो न जाओ।
(vi) शीला हारकर मजबूर हो गयी।

क्रिया विशेषण पद बंध

“क्रिया विशेषण के स्थान पर प्रयोग होने वाले एकाधिक पदों का समूह क्रिया विशेषण पद बंध कहलाता है।” जैसे-सोहन बहुत धीरे-धीरे बोलता है। यहाँ बहुत धीरे-धीरे क्रिया विशेषण पद बंध है क्योंकि यह बोलना क्रिया की विशेषता बतलाता है। इसमें धीरे क्रिया विशेषण शीर्ष पद है तथा बहुत आश्रित पद है।

उदाहरण-

(i) पिछले दिनों की अपेक्षा आज गर्मी अधिक है।
(ii) आगरा से अलीगढ़ तक एक लंबा मार्ग है।
(iii) श्याम पहले की अपेक्षा बहुत तेज दौड़ा।
(iv) कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।
(v) राजू देखता हुआ धीरे-धीरे दुकानदार के पास पहुँचा।

पद बंध और उपवाक्य में भिन्नता

उपवाक्य भी पद बंध के समान पदों का समूह है लेकिन इससे अपूर्ण भाव ही प्रकट होता है। पद-बंध में क्रिया नहीं होती जबकि उपवाक्य में क्रिया रहती है।

वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

शब्द किसे कहते हैं, रचना के आधार शब्द के भेद

क्रिया विशेषण अव्यय किसे कहते हैं, उदाहरण

काल किसे कहते हैं, वर्त्तमान काल, भूतकाल, भविष्यतकाल 

Leave a Comment