अव्यय किसे कहते हैं
अव्यय की परिभाषा वे शब्द शब्द जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण परिवर्तन दिखाई न दे, अव्यय कहलाते हैं।” उदाहरण – वाह ! आह ! अरे, ओ, धीरे-धीरे, तेजी से आदि।
अव्यय‘ को अविकारी शब्द भी कहा जाता है। इसका अर्थ है, जो व्यय न हो। इसका अर्थ है जिसमें परिवर्तन दिखाई न दे।
अव्यय के भेद
हिन्दी में ऐसे अविकारी अव्यय शब्द पांच प्रकार के होते हैं।
- क्रिया विशेषण
- सम्बन्ध बोधक
- समुच्चय बोधक
- विस्मयादि बोधक
- निपात
क्रियाविशेषण अव्यय
क्रियाविशेषण अव्यय “किसी भी क्रिया शब्द की विशेषता बतलाने वाले शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे -1. मीरा मधुर गाती है।
2. कोयल अपने मधुर स्वर से सभी का मन मोह लेती है।
3. राम बहुत थक गया है।
4. हवा धीरे-धीरे बह रही है।
5. मोहन ने धीरे से कहा।
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सम्बन्ध बोधक अव्यय
परिभाषा वे अव्यय शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ मिलकर उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों से बताते हैं, उन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते हैं। जैसे- (i) खुशी के मारे वह पागल हो गया।
(ii) बालक चाँद की ओर देख रहा था।
(iii) मेरे घर के आगे बस स्टॉप है।
इन सभी वाक्यों में रंगीन शब्द है वे सभी सम्बन्धबोधक हैं क्योंकि ये वाक्य के अन्य शब्दों से सम्बन्ध प्रकट करते हैं। पूरा पढ़ें
समुच्चय बोधक अव्यय
दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को आपस में मिलाने वाले अव्यय शब्दों को संयोजक या योजक शब्द कहते हैं।” जैसे- माता और पिता। भाई और बहन। राजा और रंक। रात और दिन। चाय और पानी। फल और फूल आदि। पूरा पढ़ें
विस्मयादि बोधक अव्यय
“हर्ष, आश्चर्य, प्रशंसा, घृणा आदि भावों को प्रकट करने वाले अविकारी शब्द विस्मयादि बोधक अव्यय कहलाते हैं।” जैसे- हाय ! अब मैं क्या करूँ ?
हैं ! तुम यह क्या कह रहे हो ?
शाबाश! तुमने मैच जीत लिया।
यहाँ हाय“शाबाश‘ और ‘हैं‘ विस्मयादि बोधक अव्यय है, जिनका अपने वाक्य या किसी पद से कोई सम्बन्ध नहीं। पूरा पढ़ें
निपात
जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लग कर उसके अर्थ में विशेष बल भर देते हैं, वे निपात या अवधारक अव्यय कहलाते हैं।” निपात का कोई लिंग या वचन नहीं होता। मूलतः इसका प्रयोग अव्ययों के लिए होता है। पूरा पढ़ें