अनुच्छेद लेखन क्या है, उद्देश्य, pdf | Anuched lekhan in hindi

अनुच्छेद लेखन किसे कहते हैं

किसी घटना, दृश्य अथवा विषय को संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित ढंग से जिस लेखन-शैली में प्रस्तुत किया जाता है, उसे अनुच्छेद लेखन कहते हैं। अनुच्छेद में हर वाक्य मूल विषय से जुड़ा रहता है। अनावश्यक विस्तार के लिए उसमें कोई स्थान नहीं होता। अनुच्छेद में घटना अथवा विषय से सम्बद्ध वर्णन संतुलित तथा अपने आप में पूर्ण होना चाहिए।

अनुच्छेद की भाषा-शैली सजीव एवं प्रभावशाली होनी चाहिए। शब्दों के उचित चयन के साथ लोकोक्तियों एवं मुहावरों के समुचित प्रयोग से ही भाषा-शैली में उपर्युक्त गुण आ सकते हैं। अनुच्छेद लेखन in hindi.

अनुच्छेद लेखन के उदाहरण

(1) ग्रीष्म की संध्या

दिन भर अपने प्रकाश से धरती को आलोकित करके सूर्य देवता जब पश्चिम दिशा में पहुँचते हैं, तब तक संसार में सब कुछ बदल चुका होता है। स्वयं सूर्य शिथिल हो जाते हैं। पश्चिम दिशा लाल रंग से रंजित हो जाती है। सूर्य की लाल-लाल सुनहरी किरणें अपनी ऊष्णता खो बैठती है, अत: गर्मी कम हो जाती है।

पक्षी चहचहाते हुए अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं। सड़कों-बाजारों में चहल-पहल शुरू हो जाती है। दिनभर गर्मी के कारण घरों में दुबके लोग बाहर निकलते हैं। लोग सब्जियाँ, फल तथा अन्य घरेलू वस्तुएँ तो खरीदते ही हैं, ठण्डे पेय पीकर प्यास बुझाते हुए भी दिखाई देते हैं।

पार्कों और बगीचों में लोग ठण्डी हवा खाने के लिए जाते हैं। बच्चों को भी दौड़ने-भागने का अवसर मिलता है, किशोर-किशोरियों की टोलियाँ बतियाती हुई घूमती हैं। जब तक घना अँधेरा नहीं हो जाता, लोग बाहर टहलते हुए दिखाई देते हैं। ग्रीष्म की संध्या एक अजीब सी राहत लेकर आती है। Anuched lekhan.

(2) सड़क दुर्घटना

यद्यपि कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि उसके साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो, फिर भी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कुछ दिन पहले मैं बस से उतर कर घर की ओर जा रहा था कि अचानक एक ओर कोलाहल हुआ। मैंने मुड़कर देखा तो सन्न रह गया। जिस बस से मैं उतरा था, वह कुछ कदम ही बढ़ी थी कि सामने खड़ी एक टैक्सी से टकरा गई। टैक्सी का एक हिस्सा बुरी तरह पिचक गया था।

उस ओर बैठी एक सवारी घायल हो गई थी। ड्राइवर को भी काफी चोट लगी थी। पीछे बैठी एक सवारी का सिर कार से टकरा गया था, उसके सिर से खून बहने लगा। आनन-फानन में लोग इकट्ठे हो गए। बस के सब यात्री भी उतर आए थे। कुछ लोग घायलों को निकट के किसी डॉक्टर के पास ले जाने का उपाय करने लगे। Anuched lekhan in hindi class 6

अन्य लोग इस बात की चर्चा करने लगे कि दोष किसका है ? अधिकतर लोग बस वाले को दोष दे रहे थे। कुछ क्षण बाद घायलों को टेम्पो में बैठाकर डॉक्टर के पास ले जाया गया। बस के ड्राईवर और कण्डक्टर भी साथ गए। पुलिस को सूचना दे दी गई। कुछ समय तक लोग वहाँ बढ़ते यातायात तथा दुर्घटनाओं की चर्चा करते रहे, फिर धीरे- धीरे बिखर गए। मैं भी घर चला आया।

Anuched lekhan in hindi

(3) चरित्र निर्माण ही सफलता की कुंजी है

जो मनुष्य अपने चरित्र निर्माण पर ध्यान देता है, वही जीवन में सफल होता है। चरित्र निर्माण से मानव में ऐसी शक्ति जाग्रत होती है, जो उसे जीवन-संघर्ष में विजयी बनाती है।

ऐसा व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर अपना प्रभाव स्थापित करता है। लाखों के मध य भी वह अपने व्यक्तित्व की रक्षा करता है। सभी उसके सामने झुक जाते हैं।

(4) करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’

किसी विषय या कला में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए निरन्तर अभ्यास का महत्व असंदिग्ध है। प्रायः देखा जाता है कि हम किसी विषय को समझ तो जाते हैं किन्तु शीघ्र ही भूलने लगते हैं। यदि हम बार-बार अभ्यास करें तो विषय को भूलने का तो प्रश्न ही नहीं उठता, उससे सम्बन्धित कुछ नई बातें भी हमें सूझती रहती हैं।

बोप देव की कहानी इस मामले में प्रसिद्ध है। वह गुरु के आश्रम से निराश होकर जा रहा था कि विद्या उसके भाग्य में नहीं है। मार्ग में उसने एक कुएँ के चारों ओर लगे पत्थरों पर रस्सियों के निशान देखें। बस उसे समझ में आ गया कि किसी भी कार्य को बार-बार करने से वह कार्य अवश्य हो जाता है।

वह गुरुजी के पास लौट आया और अंततः बहुत बड़ा विद्वान बना। अभ्यास के द्वारा असंभव समझे जाने वाले कार्य भी संभव हो जाते हैं। बच्चों अथवा अनपढ़ लोगों के माध्यम से हम इस सत्य को भली-भाँति समझ सकते हैं। बच्चा जब पढ़ना-लिखना आरम्भ करता है तो उसे यह कार्य बहुत कठिन लगता है, लेकिन विद्यालय में बार-बार अभ्यास करने पर वह तीव्र गति से और सुन्दर ढंग से लिखने लगता है।

यदि अनपढ़ लुहार लोहे से अच्छे उपकरण बनाने लगता है और अनपढ़ सुनार स्वर्ण से आभूषण गढ़ने में सफल होता है तो यह सब अभ्यास का ही चमत्कार है। विभिन्न व्यवसायों में अभ्यास ही निपुणता लाता है। डॉक्टर के हाथ अभ्यास से ही रोगी के रोगयुक्त भागों को चीर-फाड़ द्वारा अलग कर पाते हैं। अनुच्छेद लेखन in hindi.

गायक, कलाकार तथा संगीतकार अपनी कला में निखार भी सतत् अभ्यास द्वारा ही लाते हैं। जिससे दर्शक और श्रोता मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। अतः सत्य ही कहा है-“करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।”

Anuched lekhan in hindi

(5) परीक्षाओं के दिन

वर्षभर एक ही कक्षा में रहने के बाद छात्र को परीक्षा देनी होती है जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद वह अगली कक्षा में जाता है। परीक्षा का नाम ही भयभीत करने वाला है। कहावत है कि परमात्मा किसी को भी परीक्षा में न डाले, किन्तु विद्यार्थी के लिए तो परीक्षा अनिवार्य है।

परीक्षा ही वह द्वार है जिसको पार करके कोई विद्यार्थी अगली कक्षा की मंजिल तक पहुँचता है। परीक्षा के दिनों में छात्र को कुछ भी अच्छा नहीं लगता। उसकी भूख-प्यास भाग जाती है। घर में शोर हो रहा हो अथवा अतिथि आ जाए तो वह झुंझला उठता है। उसका सारा ध्यान पुस्तकों में ही लगा रहता है।

कभी वह एक विषय की पुस्तक उठाता है कभी दूसरे की। उसका प्रयत्न यही होता है कि हर विषय की तैयारी अच्छी हो जाए। कभी-कभी उसे ऐसा लगता है कि उसकी तैयारी अच्छी हो गई है किन्तु कभी ऐसा लगता है कि उसे कुछ भी नहीं आता। अनुच्छेद लेखन

वह रात को देर तक जागकर पढ़ता है। सुबह भी जल्दी जागकर पढ़ता है। वह स्वप्न में भी परीक्षा दे रहा होता है। वह कभी कॉपी में लिखकर पाठ दुहराता है, कभी घूम-घूम कर पाठ याद करता है। उसके चेहरे पर चिन्ता के बादल छाए रहते हैं। वह मन ही मन ईश्वर को स्मरण करता रहता है कि इस बार अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जाऊँ तो अगले वर्ष अधिक परिश्रम करूंगा।

माँ इन दिनों उसका विशेष ध्यान रखती है। उसे दूध आदि पीने को देती है। किन्तु छात्र तभी चिन्तामुक्त होता है जब परीक्षाएँ समाप्त हो जाती हैं। परीक्षाओं के दिन कैसे बीतते हैं इसे विद्यार्थी ही जानते हैं।

अनुच्छेद लेखन के अन्य उदाहरण

(6) मित्र के जन्मदिन का उत्सव

मेरे मित्र आलोक का जन्मदिन था। उसने अन्य लोगों के साथ मुझे भी उत्सव में बुलाया था। आलोक के कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे किन्तु अधिकतर मित्र ही थे। घर के आँगन में ही उत्सव का आयोजन किया गया था। उस स्थान को सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया था।

झण्डियाँ और गुब्बारे टाँगे गए थे। आँगन में लगे एक पेड़ पर रंग-बिरंगे बल्ब जगमग कर रहे थे। जब मैं पहुँचा तो मेहमान आने शुरु ही हुए थे। मेहमान आलोक के लिए कोई न कोई उपहार लेकर आते, उसके निकट आकर बधाई देते, आलोक उनका धन्यवाद करता। क्रमशः लोग छोटी-मोटी टोलियों में बैठकर गप-शप करने लगे।

संगीत की मधुर ध्वनि गूंजने लगी। कुछ मित्र थिरकने लगे। कुछ मित्र उस लय पर तालियों का योगदान करने लगे। चारों ओर उल्लास का वातावरण था। सात बजे के लगभग केक काटा गया। सब मित्रों ने तालियाँ बजाई और मिलकर बधाई का गीत गाया। माँ ने आलोक को केक खिलाया। तब सभी खाना खाने लगे।

खाने में मिठाइयाँ और नमकीन थे। चुटकुले और बातों में बहुत देर हो गई। तब हमने आलोक को बधाई दी, उसकी भी दीर्घायु की कामना की और अपने-अपने घर को आ गए। कार्यक्रम इतना अच्छा था कि अब स्मरण हो आता है।

वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

कारक | कारक की परिभाषा, उदाहरण एंव भेद

काल किसे कहते हैं, वर्त्तमान काल, भूतकाल, भविष्यतकाल

वचन किसे कहते हैं, एकवचन, बहुवचन 

Leave a Comment